
शिक्षक भर्ती: विपक्ष के साथ सत्तापक्ष ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया!
जयपुर.तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर जिलों की राजनीति तेज हो गई है। जिला परिषदों के माध्यम से होने वाली भर्ती पर अब तो सत्तापक्ष के विधायक भी मुखर होने लगे हैं। खाली पदों की घोषणा के साथ शुरू हुई यह राजनीति मंगलवार को विधानसभा के सदन में साफ नजर आई। पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने भर्ती प्रक्रिया पर न सिर्फ सवाल उठाए बल्कि इसे आरपीएससी के माध्यम से कराने की सलाह दे डाली। सवाल उठाने वाले सदस्यों में शेखावाटी से आने वाले सदस्यों की संख्या ज्यादा रही।
उल्लेखनीय है कि 40,000 से अधिक पदों के लिए होने वाली इस भर्ती में जिलेवार खाली पदों की घोषणा की गई थी। इसमें सर्वाधिक 3144 रिक्त पद नागौर और 2945 रिक्त पद बाड़मेर में हैं। वहीं, सबसे कम 20 पद झुंझुनूं में आए हैं। इसके पीछे का कारण लंबे समय से प्रतिबंधित जिलों के लोगों को अपने गृह जिलों में भेजना है। इससे रिक्त पद इनके तबादलों से भर जाएंगे और रिक्त पद कम ही रह पाएंगे।
आरपीएससी की मांग क्यों
भाजपा के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी सहित अन्य सदस्यों ने आरपीएससी से परीक्षा कराने, राज्य स्तरीय मेरिट बनाने पर जोर दिया। इससे जिलों के अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। जिला परिषद के माध्यम से परीक्षा में झुंझुनूं, सीकर, चूरू, जयपुर और दौसा जिले के अभ्यर्थियों के लिए मौके कम रह जाते हैं।
अन्य जिलों से भी दे सकते हैं परीक्षा
प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में रहने वाला अभ्यर्थी किसी भी जिले की जिला परिषद से परीक्षा दे सकता है। लेकिन इसके बाद उसे अपने गृह जिले के स्थान पर उसी जिले में नौकरी करनी होगी। प्रतिबंधित जिलों से घर वापसी कब होगी, अभी पता नहीं है।
विधानसभा में किसने क्या कहा
'जिला परिषदों के स्थान पर शिक्षक भर्ती की परीक्षा आरपीएससी के माध्यम से कराई जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता रहे। इसके साथ ही मेरिट राज्य स्तरीय बनाई जाए।'
-घनश्याम तिवाड़ी, भाजपा विधायक दल के उपनेता (सांगानेर विधायक)।
'शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा आरपीएससी से होनी चाहिए। एक ही दिन एक ही पेपर हो और एक ही मेरिट बने। जिला परिषदों के माध्यम से भर्ती कराना गलत हो रहा है। इससे गड़बड़ियों का आशंका रहेगी। जिला परिषदों के माध्यम से भर्ती से शेखावाटी के अभ्यर्थियों को नुकसान होगा। क्षेत्र में जाओगे तो लोग विरोध करेंगे।'
-श्रवण कुमार, कांग्रेस विधायक, सूरजगढ़।
'आरपीएससी के माध्यम से भर्ती परीक्षा कराने में क्या दिक्कत है। इसके अभाव में शेखावाटी के अभ्यर्थियों को नुकसान होगा। इसलिए परीक्षा जिला परिषदों के माध्यम के स्थान पर आरपीएससी से कराई जाए।'
-अमराराम, माकपा विधायक, दातारामगढ़।
'शिक्षक भर्ती परीक्षा आरपीएससी से ही करवानी चाहिए। इसकी मांग को लेकर को कल झुंझुनूं बंद था और आज सीकर बंद है। जिला परिषदों के माध्यम से भर्ती होने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। एकरूपता भी नहीं रह पाएगी। आरपीएससी से परीक्षा होने पर शेखावाटी के बच्चों फायदा होगा।'
-पेमाराम, माकपा विधायक, धोद।
source - Dainik Bhaskar
