बीकानेर/जोधपुर.राजस्थान लोक सेवा आयोग(आरपीएससी) अब परीक्षा में और पारदर्शिता करने के लिए परीक्षार्थियों को तीसरी ओएमआर शीट उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा आंसर-की भी मुहैया कराएगा ताकि परीक्षार्थी सवालों का जवाब मिलान कर स्वयं आकलन कर सके। चयन प्रक्रिया में आरपीएससी पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
शनिवार को भास्कर से विशेष बातचीत में आरपीएससी के चेयरमैन बी.एल.शर्मा ने यह बात कही। शर्मा ने कहा कि अभी तक छात्रों को तीसरी ओएमआर शीट नहीं मिलती थी लेकिन आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसका प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। एपीपी परीक्षा के अंक घोषित नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरपीएससी दो तरह की परीक्षाएं कराती है। कुछ परीक्षाओं के अंक घोषित करने पर बाधाएं हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अधिकांश परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव सवालों की होगी। इससे उत्तर-पुस्तिका की जांच में आसानी होगी।
परीक्षार्थी भी सवालों के जवाब आसानी से मिला सकेंगे। ऑब्जेक्टिव परीक्षा में सवाल का जवाब एक ही होगा। फिलहाल परीक्षा की प्रक्रिया में बहुत कुछ निर्भर जांचकर्ता पर है। कोई जांचकर्ता उस सवाल पर दो तो कोई चार अंक देता है। अब आरपीएससी यह सिस्टम खत्म कर सिर्फ ऑब्जेक्टिव सवालों को ही वरीयता देगी। शर्मा शनिवार को महाराजा गंगासिंह विवि में पीएचडी परीक्षा के साक्षात्कार में भाग लेने पहुंचे थे।
लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर बनेगी मैरिट
आरपीएससी शीघ्र ही लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर मैरिट बनाने का विचार कर रही है। इस संबंध में आरपीएससी ने एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है। चेयरमैन शर्मा ने कहा कि कई परीक्षार्थी लिखित परीक्षा में 100 में 80 अंक लाता है लेकिन कई बार साक्षात्कार में उसे 20 में चार अंक ही मिलते हैं। इससे परीक्षार्थी के साथ न्याय नहीं हो पाता। इस कारण अब लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर मैरिट बनाने पर विचार किया जा रहा है।
मुन्ना भाई को रोकने के लिए स्क्रीनिंग
चेयरमैन शर्मा ने कहा कि आरपीएससी परीक्षाओं में नकल रोकने की जिम्मेवारी सर्वाधिक जिला प्रशासन की है। कारण कि परीक्षा केंद्र संबंधित जिलों में होते हैं। पिछले दिनों ब्लू-टूथ के मार्फत नकल करते पकड़े गए, ऐसे लोगों को अंतिम परीक्षा तक पहुंचने से रोकने के लिए आरपीएससी स्क्रीनिंग परीक्षा कराएगी। ताकि मुन्ना भाई अंतिम परीक्षा तक नहीं पहुंच सकें।
कोचिंग से आयोग की मिलीभगत नहीं : शर्मा
कोचिंग से आरपीएससी के संबंधों को लेकर उठ रहे सवालों पर चेयरमैन शर्मा कहा कि आरपीएससी तमाम परीक्षाएं कराती है और परीक्षाओं में यदि किसी कोचिंग के छात्र उत्तीर्ण हो गए तो ऐसे सवाल उठने लगते हैं लेकिन कोचिंग से आरपीएससी की कोई मिलीभगत नहीं है। आरपीएससी पर उठ रहे सवालों पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि पद कम होते हैं और परीक्षार्थी अधिक। जाहिर है कि अधिकांश लोग रिजेक्ट होते हैं। रिजेक्ट होने वाले परीक्षार्थी इस तरह के सवाल खड़े करते हैं। जिनका चयन होता है उसे यह प्रक्रिया पसंद आती है।
शनिवार को भास्कर से विशेष बातचीत में आरपीएससी के चेयरमैन बी.एल.शर्मा ने यह बात कही। शर्मा ने कहा कि अभी तक छात्रों को तीसरी ओएमआर शीट नहीं मिलती थी लेकिन आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसका प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। एपीपी परीक्षा के अंक घोषित नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरपीएससी दो तरह की परीक्षाएं कराती है। कुछ परीक्षाओं के अंक घोषित करने पर बाधाएं हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अधिकांश परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव सवालों की होगी। इससे उत्तर-पुस्तिका की जांच में आसानी होगी।
परीक्षार्थी भी सवालों के जवाब आसानी से मिला सकेंगे। ऑब्जेक्टिव परीक्षा में सवाल का जवाब एक ही होगा। फिलहाल परीक्षा की प्रक्रिया में बहुत कुछ निर्भर जांचकर्ता पर है। कोई जांचकर्ता उस सवाल पर दो तो कोई चार अंक देता है। अब आरपीएससी यह सिस्टम खत्म कर सिर्फ ऑब्जेक्टिव सवालों को ही वरीयता देगी। शर्मा शनिवार को महाराजा गंगासिंह विवि में पीएचडी परीक्षा के साक्षात्कार में भाग लेने पहुंचे थे।
लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर बनेगी मैरिट
आरपीएससी शीघ्र ही लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर मैरिट बनाने का विचार कर रही है। इस संबंध में आरपीएससी ने एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है। चेयरमैन शर्मा ने कहा कि कई परीक्षार्थी लिखित परीक्षा में 100 में 80 अंक लाता है लेकिन कई बार साक्षात्कार में उसे 20 में चार अंक ही मिलते हैं। इससे परीक्षार्थी के साथ न्याय नहीं हो पाता। इस कारण अब लिखित और साक्षात्कार के अंक जोड़कर मैरिट बनाने पर विचार किया जा रहा है।
मुन्ना भाई को रोकने के लिए स्क्रीनिंग
चेयरमैन शर्मा ने कहा कि आरपीएससी परीक्षाओं में नकल रोकने की जिम्मेवारी सर्वाधिक जिला प्रशासन की है। कारण कि परीक्षा केंद्र संबंधित जिलों में होते हैं। पिछले दिनों ब्लू-टूथ के मार्फत नकल करते पकड़े गए, ऐसे लोगों को अंतिम परीक्षा तक पहुंचने से रोकने के लिए आरपीएससी स्क्रीनिंग परीक्षा कराएगी। ताकि मुन्ना भाई अंतिम परीक्षा तक नहीं पहुंच सकें।
कोचिंग से आयोग की मिलीभगत नहीं : शर्मा
कोचिंग से आरपीएससी के संबंधों को लेकर उठ रहे सवालों पर चेयरमैन शर्मा कहा कि आरपीएससी तमाम परीक्षाएं कराती है और परीक्षाओं में यदि किसी कोचिंग के छात्र उत्तीर्ण हो गए तो ऐसे सवाल उठने लगते हैं लेकिन कोचिंग से आरपीएससी की कोई मिलीभगत नहीं है। आरपीएससी पर उठ रहे सवालों पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि पद कम होते हैं और परीक्षार्थी अधिक। जाहिर है कि अधिकांश लोग रिजेक्ट होते हैं। रिजेक्ट होने वाले परीक्षार्थी इस तरह के सवाल खड़े करते हैं। जिनका चयन होता है उसे यह प्रक्रिया पसंद आती है।
source- bhaskar news
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