तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा की आवेदन प्रक्रिया ने अभ्यर्थियों को फिर उलझाकर रख दिया है। विज्ञप्ति मे स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं होने से प्रशिक्षित बेरोजगार आवेदन नहीं कर रहे। सबसे बड़ी परेशानी विषय के चयन को लेकर है। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में विषयवार पदों का विभाजन किया है। पद विभाजन करते समय सामाजिक अध्ययन व भाषा विषयों के पदों को अलग-अलग रखा गया है। एक परीक्षार्थी एक ही विषय के लिए आवेदन कर सकता है।
ऎसे में वह किस विषय के लिए आवेदन करे, यह स्पष्ट नहीं है। अध्यापक पात्रता प्रमाण पत्र में भाषा विषयों को सामाजिक अध्ययन में ही समाहित किया गया है जबकि इन विष्ायों के पद सामाजिक अध्ययन से अलग रखे गए है। विभाग की शर्त है कि वह पात्रता परीक्षा में उल्लेख किए गए विद्यालय विषय में ही आवेदन का पात्र है। ऎसी स्थिति में कोई भी परीक्षार्थी भाषा विषय में आवेदन ही नहीं कर पाएगा। अगर द्वितीय भाषा को वह विद्यालय विषय के रूप में चुनता है तो परीक्षा के अपात्र होने व आवेदन निरस्त होने का अंदेशा है।
स्थिति स्पष्ट नहीं होने से परीक्षा के लिए अभ्यर्थी आवेदन से कतरा रहे हैं। परीक्षा में विद्यालय विषय के लिए 120 अंक निर्धारित किए गए हैं जबकि भाषा का कोई पाठयक्रम निर्घारित ही नहीं है। विज्ञापित पदों में सामाजिक अध्ययन के 256 पद हैं इतने ही पद भाषा विषयों के हैं। सामाजिक अध्ययन के अलावा हिन्दी, अंगे्रजी, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी व उर्दू के पद विज्ञापित किए गए हैं।
विषय चयन की गाइडलाइन के बारे में रूलिंग पढकर ही बता पाऊंगा की सही स्थिति क्या है। बाकी विज्ञप्ति में सब कुछ स्पष्ट है।
सी.एस. राजन, शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग
ऎसे में वह किस विषय के लिए आवेदन करे, यह स्पष्ट नहीं है। अध्यापक पात्रता प्रमाण पत्र में भाषा विषयों को सामाजिक अध्ययन में ही समाहित किया गया है जबकि इन विष्ायों के पद सामाजिक अध्ययन से अलग रखे गए है। विभाग की शर्त है कि वह पात्रता परीक्षा में उल्लेख किए गए विद्यालय विषय में ही आवेदन का पात्र है। ऎसी स्थिति में कोई भी परीक्षार्थी भाषा विषय में आवेदन ही नहीं कर पाएगा। अगर द्वितीय भाषा को वह विद्यालय विषय के रूप में चुनता है तो परीक्षा के अपात्र होने व आवेदन निरस्त होने का अंदेशा है।
स्थिति स्पष्ट नहीं होने से परीक्षा के लिए अभ्यर्थी आवेदन से कतरा रहे हैं। परीक्षा में विद्यालय विषय के लिए 120 अंक निर्धारित किए गए हैं जबकि भाषा का कोई पाठयक्रम निर्घारित ही नहीं है। विज्ञापित पदों में सामाजिक अध्ययन के 256 पद हैं इतने ही पद भाषा विषयों के हैं। सामाजिक अध्ययन के अलावा हिन्दी, अंगे्रजी, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी व उर्दू के पद विज्ञापित किए गए हैं।
विषय चयन की गाइडलाइन के बारे में रूलिंग पढकर ही बता पाऊंगा की सही स्थिति क्या है। बाकी विज्ञप्ति में सब कुछ स्पष्ट है।
सी.एस. राजन, शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग